
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण और पोषण-केंद्रित निर्णय लिया है, मिड-डे-मील (मध्याह्न भोजन योजना) कार्यक्रम को सुदृढ़ करते हुए, अब बच्चों के दैनिक आहार में अतिरिक्त पोषण सप्लीमेंट्स को शामिल किया जाएगा, इस पहल के तहत, स्कूलों में बच्चों को नियमित रुप से मूंगफली की चिक्की और गजक जैसी पौष्टिक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
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पोषण सुधार मुख्य लक्ष्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटना है, अक्सर देखा जाता है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कई बच्चे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से जूझते हैं, सरकार का मानना है कि स्थानीय स्तर पर उपलब्ध, ऊर्जा से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कि गुड़ और मूंगफली से बनी चिक्की बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे।
योजना की मुख्य विशेषताएं
- यह नई व्यवस्था मिड-डे-मील के मौजूदा मेनू के अतिरिक्त होगी, जिससे बच्चों को कैलोरी और प्रोटीन की अतिरिक्त खुराक मिलेगी।
- मेनू में मूंगफली की चिक्की (जिसे कई क्षेत्रों में गजक भी कहा जाता है) को शामिल किया गया है, जो कि किफायती होने के साथ-साथ अत्यधिक पौष्टिक भी है।
- शिक्षा विभाग और संबंधित नोडल एजेंसियां यह सुनिश्चित करेंगी कि इन पोषण सप्लीमेंट्स की गुणवत्ता बनी रहे और यह नियमित रूप से प्रत्येक बच्चे तक पहुंचे।
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सरकार की यह पहल न केवल बच्चों के शारीरिक विकास में मदद करेगी, बल्कि स्कूल में उनकी उपस्थिति और सीखने की क्षमता पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी, शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं और जल्द ही यह योजना जमीनी स्तर पर प्रभावी रुप से लागू हो जाएगी।
















