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इंटरकास्ट मैरिज पर तुरंत मिलेंगे इतने लाख रुपये! सरकारी खजाने से बड़ा इनाम

हिमाचल सरकार ने सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के लिए अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना में बड़ा संशोधन किया है। अब इस योजना के तहत पात्र दंपत्तियों को 50 हजार की बजाय दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता मिलेगी। योजना का उद्देश्य छुआछूत जैसी प्रथाओं को खत्म कर सामाजिक सौहार्द बढ़ाना है। आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

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inter caste marriage award scheme has been increased

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सामाजिक समानता और समरसता को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य की सुक्खू सरकार ने “अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना” में बड़ा संशोधन करते हुए आर्थिक सहायता राशि को पहले के 50 हजार रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दिया है। सरकार का कहना है कि यह बदलाव समता और सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने में मदद करेगा।

छुआछूत मिटाने की दिशा में उठाया कदम

इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त छुआछूत और जातिगत भेदभाव जैसी बुराइयों को खत्म करना है। राज्य सरकार ने यह योजना उन दंपत्तियों के लिए शुरू की थी जिन्होंने सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए साहसिक कदम उठाया और प्रेम तथा आपसी समझ के आधार पर विवाह किया।

पहले इस योजना के तहत पात्र दंपत्तियों को 50 हजार रुपए की सहायता दी जाती थी, लेकिन अब सरकार ने इसे चार गुना बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दिया है। इससे निश्चित रूप से ज्यादा लोग अंतरजातीय विवाह को अपनाने और समाज में समानता का संदेश फैलाने के लिए प्रेरित होंगे।

कौन ले सकता है योजना का लाभ

इस योजना के तहत सामान्य वर्ग के युवक या युवती जब अनुसूचित जाति (SC) के युवक या युवती से कानूनी रूप से विवाह करते हैं, तो वे इस पुरस्कार राशि के पात्र बन जाते हैं। हालांकि, लाभ पाने के लिए दोनों का हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी (Permanent Resident) होना अनिवार्य है। योजना के अनुसार, युवक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और युवती की न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई है। विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र होना जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शादी कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई है।

क्या-क्या दस्तावेज़ होंगे जरूरी

राज्य सरकार ने आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी और सहज बनाने की कोशिश की है। योजना का लाभ पाने के लिए आवेदक को निर्धारित आवेदन प्रपत्र के साथ निम्नलिखित दस्तावेज़ जमा करने होंगे:

  • आयु प्रमाणपत्र (मैट्रिक सर्टिफिकेट या पंचायत से जारी प्रमाणपत्र)
  • जाति प्रमाणपत्र (राजस्व अधिकारी द्वारा जारी)
  • हिमाचली प्रमाणपत्र (नायब तहसीलदार या उससे उच्च पदाधिकारी द्वारा जारी)
  • विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र
  • आधार कार्ड और राशन कार्ड की कॉपी
  • ग्राम पंचायत प्रधान द्वारा जारी ‘मधुर संबंध प्रमाणपत्र’
  • दंपत्ति का संयुक्त फोटोग्राफ

इसके अलावा, आवेदन के साथ एक शपथ पत्र देना भी आवश्यक होगा जिसमें यह घोषित करना होगा कि आवेदक ने पहले इस योजना का लाभ नहीं लिया है।

आवेदन प्रक्रिया और सत्यापन

दंपत्तियों को पूरी जानकारी और दस्तावेज़ों के साथ आवेदन अपने संबंधित तहसील कल्याण अधिकारी के समक्ष जमा करना होगा। अधिकारी द्वारा आवेदन की पूरी जांच और सत्यापन के बाद ही पुरस्कार राशि स्वीकृत की जाएगी। जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल के अनुसार, इस संशोधन संबंधी नोटिफिकेशन जारी हो चुकी है। जो भी पात्र दंपति निर्धारित मापदंडों को पूरा करेंगे, उन्हें विभाग की ओर से आर्थिक सहायता राशि जारी कर दी जाएगी।

समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद

राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से समाज में एक सकारात्मक सोच विकसित होगी। अक्सर देखा जाता है कि इंटरकास्ट मैरिज करने वाले कई युवाओं को सामाजिक दबाव, विरोध और पारिवारिक अस्वीकार का सामना करना पड़ता है। सरकार का यह कदम ऐसे दंपत्तियों को वित्तीय सहयोग तो देगा ही, साथ ही साहस और समानता का प्रतीक भी बनेगा।

इस योजना के तहत बढ़ाई गई राशि सिर्फ आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक संदेश भी है कि अब जातियों से ऊपर इंसानियत और समानता को प्राथमिकता दी जा रही है।

भविष्य की दिशा

सुक्खू सरकार का मानना है कि समाज में social harmony तभी संभव है जब हर व्यक्ति को समान अधिकार और सम्मान मिले। यही कारण है कि अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना को सिर्फ वित्तीय सहयोग तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि इसे सामाजिक सुधार अभियान के रूप में देखा जा रहा है। अगर ऐसे कदम लगातार उठते रहे, तो आने वाले वर्षों में हिमाचल प्रदेश सामाजिक न्याय और समानता के क्षेत्र में एक model state के रूप में स्थापित हो सकता है।

Author
info@ammtcadmission.in

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