
स्वरोजगार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, केंद्र और राज्य सरकारें मिनी ऑयल मिल (तेल निष्कर्षण) व्यवसाय को बढ़ावा दे रही हैं, यह व्यवसाय न केवल ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में दैनिक आय का एक स्थिर स्रोत प्रदान कर सकता है, बल्कि उपभोक्ताओं को शुद्ध और रसायन-मुक्त (chemical-free) खाद्य तेल भी उपलब्ध कराता है, उद्यमी घर बैठे इस लघु उद्योग को स्थापित कर सकते हैं और अनुमानित रूप से प्रतिदिन ₹1,000 या उससे अधिक की आय अर्जित कर सकते हैं।
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दैनिक आय की संभावना
मिनी ऑयल मिल व्यवसाय में लाभ मार्जिन कच्चे माल की खरीद दर और बाजार में तैयार उत्पाद की बिक्री दर पर निर्भर करता है। बाजार विश्लेषण के अनुसार, यदि व्यवसाय कुशलतापूर्वक प्रबंधित किया जाता है और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, तो उद्यमी आसानी से ₹1,000 से ₹2,000 प्रतिदिन तक का लाभ कमा सकते हैं, कोल्ड-प्रेस्ड तेल की बढ़ती मांग इस व्यवसाय को और भी आकर्षक बनाती है।
सरकारी सब्सिडी और वित्तीय सहायता
केंद्र और राज्य सरकारें मिनी ऑयल मिल व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत प्लांट और मशीनरी की खरीद पर वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
मुख्य सरकारी योजनाएं निम्नलिखित हैं:
- PMEGP (प्रधान मंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम): यह योजना विनिर्माण क्षेत्र में परियोजनाओं के लिए ऋण प्रदान करती है, जिसमें सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 15% तक और महिला/एससी/एसटी वर्ग के लाभार्थियों को 25% तक की सब्सिडी मिलती है (शहरी क्षेत्रों के लिए)।
- PMFME (प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना): यह योजना खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को अपग्रेड करने और विस्तार करने पर केंद्रित है। इसके तहत लाभार्थियों को उनकी प्रोजेक्ट लागत का 35% तक का क्रेडिट-लिंक्ड अनुदान (अधिकतम ₹10 लाख) मिल सकता है। कई उद्यमियों ने इस योजना का लाभ उठाकर अपनी तेल मिल की क्षमता दोगुनी की है।
- राज्य-विशिष्ट योजनाएं: बिहार सरकार जैसी कई राज्य सरकारें कृषि और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट अनुदान योजनाएं चलाती हैं, जो तेल मिल स्थापित करने के लिए प्रोजेक्ट लागत का 33% तक सब्सिडी प्रदान करती हैं।
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व्यवसाय शुरु करने के लिए आवश्यक लाइसेंस
कानूनी और सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए, निम्नलिखित पंजीकरण और लाइसेंस अनिवार्य हैं:
- FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) पंजीकरण।
- स्थानीय ट्रेड लाइसेंस।
- MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) पंजीकरण।
- GST पंजीकरण।
उद्यमियों को सलाह दी जाती है कि वे निवेश करने से पहले एक व्यापक व्यवसाय योजना तैयार करें और विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए myScheme पोर्टल पर उपलब्ध विकल्पों की जाँच करें।
















