
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना (PMAY-Urban) का उद्देश्य हर गरीब परिवार को अपना घर उपलब्ध कराना है, ताकि कोई भी व्यक्ति बेघर न रहे। लेकिन कुछ लाभुक ऐसे भी हैं जिन्होंने सरकारी राशि तो उठा ली, मगर मकान निर्माण का काम शुरू नहीं किया। अब ऐसे लाभुकों पर नप (नगर परिषद) प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी है।
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दस लाभुकों पर होगी कार्रवाई
नप प्रशासन ने क्षेत्र के ऐसे 10 लाभुकों को चिह्नित किया है जिन्होंने योजना के तहत राशि प्राप्त कर ली, लेकिन निर्धारित समय सीमा के भीतर मकान निर्माण शुरू नहीं किया। कार्यपालक पदाधिकारी राजेश कुमार झा ने बताया कि तीन बार नोटिस जारी करने और पर्याप्त समय देने के बाद भी इन लाभुकों ने नियमों का पालन नहीं किया। इसलिए अब इनके खिलाफ सर्टिफिकेट केस करने का आदेश जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि जो लाभुक योजना की राशि समय पर वापस नहीं करेंगे, उन्हें सरकारी नियमानुसार ब्याज सहित धनराशि लौटानी होगी। इसके साथ ही नियम उल्लंघन की स्थिति में सजा का प्रावधान भी है। प्रशासन का मानना है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करने से अन्य लोगों के लिए एक मिसाल कायम होगी।
मैदान में उतरी जांच टीम
बुधवार को नगर प्रबंधक मोहित कुमार और म्युनिसिपल सिविल इंजीनियर बबलू कुमार बादल ने चिह्नित लाभुकों के निर्माण स्थलों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने लाभुकों को सर्टिफिकेट केस की पूरी जानकारी दी और आगाह किया कि जल्दी ही उन पर कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि जिन लाभुकों के नाम इस सूची में शामिल हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना 1.0 के तहत लाभ मिला था।
निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बाद भी इन लाभुकों ने मकान निर्माण शुरू नहीं किया, जिसके कारण योजना की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए नप प्रशासन ने अब ऐसी लापरवाही को किसी भी हाल में बर्दाश्त न करने का निर्णय लिया है।
जिन लाभुकों पर होगी कार्रवाई
म्युनिसिपल सिविल इंजीनियर बबलू कुमार बादल ने बताया कि जिन दस लाभुकों को सर्टिफिकेट केस के दायरे में लाया जा रहा है, उनमें युगल किशोर पासवान, नवीनचंद्र मिश्र, जगन्नाथ अवस्थी, नीतू देवी, रिंकू देवी, गुड़िया देवी, सरोज देवी, सविता देवी, फुला देवी और रिंकी देवी शामिल हैं।
इन सभी के निर्माण स्थलों का भौतिक सत्यापन कर लिया गया है और अब सभी को लिखित रूप से अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है। यदि इनमें से कोई भी लाभुक स्वेच्छा से राशि नहीं लौटाता या मकान निर्माण पुनः शुरू नहीं करता, तो प्रशासन सीधा राजस्व वसूली प्रक्रिया अपनाएगा।
पीएम आवास योजना 2.0 के लाभुकों को भी चेतावनी
नगर प्रशासन ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल पुराने लाभुकों तक सीमित नहीं रहेगी। PMAY 2.0 में लाभ पाने वाले लोगों को भी सख्त हिदायत दी गई है कि वे राशि प्राप्त करने के बाद जल्द से जल्द मकान निर्माण कार्य शुरू करें।
नगर प्रबंधक मोहित कुमार ने कहा कि सरकार ने गरीबों के लिए जो सहायता राशि दी है, उसका दुरुपयोग किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा। जो लोग इस योजना के उद्देश्य को समझे बिना व्यक्तिगत लाभ की सोच रहे हैं, उन्हें अब परिणाम भुगतने होंगे।
पारदर्शिता की दिशा में प्रशासनिक पहल
नप प्रशासन का यह कदम न केवल पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में है, बल्कि यह जनता को यह संदेश भी देता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल उन्हीं को मिलना चाहिए, जो वास्तविक रूप से उसका उपयोग कर रहे हैं। इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि सरकार अब योजनाओं में accountability और monitoring system को और मजबूत बना रही है। अधिकारी यह भी मानते हैं कि इस कदम से भविष्य में लाभुकों के बीच जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी और योजनाओं की सफलता सुनिश्चित होगी।
















